मेरे आँसू
मेरे आँसू
मेरी हर स्थिति से अवगत होते हैं
मेरा दुःख समझते हैं
जो मेरे अंदरूनी चोट महसूस करते हैं
और इस दर्द को कम करने के
आँख भर -भर कर
बरसात की बूंदों की तरह
गिरने लगते हैं
अक्सर रात में
मुझे अकेला देखकर
मेरे आँसू
मेरे पास आ जाते हैं
और अक्सर मुझसे
मेरे घर ,मेरे दोस्तों के बारे में
बार बार मिली असफलताओं
और
मेरी बिछड़ी हुई प्रेमिका के बारे में
अक्सर बातें करते हैं
मुझे सांत्वना देते हैं
मेरे दुःख को हल्का करते हैं
इसीलिये मैं अक्सर
दिनभर दुःख से ग्रसित होकर
रात में
आंसुवो से बातें करते हैं
जो मेरा दुःख समझते हैं
जो मेरे अंदरूनी चोट महसूस करते हैं
और इस दर्द को कम करने के
आँख भर -भर कर
बरसात की बूंदों की तरह
गिरने लगते हैं
मेरे आँसू
मेरी हर ख़ुशी में भी
साथ होते हैं
सफलता या ख़ुशी मिलने पर
आँख से निकलकर
गालों को चूमकर
गले तक पहुँच जाते हैं
और फिर हम दोनों मिलकर
खुशियाँ बाँटते हैं
एक दूसरे को
बधाईयाँ दिया करते हैं ।
आनन्द
11 comments:
बहुत अच्छी...
कोमल भावों की अभिव्यक्ति...
अनु
ये आंसू मेरे दिल की जुबां है ,मैं रो दूं तो रो दें आंसू ,मैं हँस दूं तो हँस दें आंसू ....बढ़िया प्रतुती .....
मंगलवार, 4 सितम्बर 2012
Connecting the Dots : Type 2 Diabetes
The Basics (पारिभाषिक शब्दावली के साथ हिंदी में भी जल्द आ रहा है यह आलेख :बुनियादी बातें जीवन शैली रोग मधुमेह की )
Diabetes ,which affects 25.8 million Americans , is a disease in which people have high blood glucose
(blood sugar )levels due to the body's inability to produce or use insulin .
Insulin is a hormone that converts the sugars and starches that you eat into glucose , the fuel for your cells.
In Type 1 (often called juvenile) diabetes , the body does not produce insulin from birth .
With Type 2 diabetes ,over time the body either stops producing enough insulin or does not respond properly to insulin (insulin resistance).
Untreated or poorly managed diabetes can lead to chronically high blood sugar levels , a risk factor for heart disease , nerve damage , vision loss and other problems.
आज 4/09/2012 को आपकी यह पोस्ट (विभा रानी श्रीवास्तव जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
कोमल मनोभावों की सुन्दर प्रस्तुति
मेरी बिछड़ी हुई प्रेमिका के बारे में
अक्सर बातें करते हैं
मुझे सांत्वना देते हैं
मेरे दुःख को हल्का करते हैं
इसीलिये मैं अक्सर
दिनभर दुःख से ग्रसित होकर
रात में
आंसुवो से बातें करते हैं
जो मेरा दुःख समझते हैं
WAH TRIPATHI JI ......EN AASHUON NE JINDGI KA REKHANKAN HI KR DALA ....SUNDAR RACHANA KE LIYE BADHAI
sach hi hai ...aansoo hamesha saath dete hain ...
sundar rachna ...!!
आभार अनुपमा जी । स्वागत है ।
नवीन जी धन्यवाद । स्वागत है ।
्बहुत सुन्दर तरीके से आँसुओं का मानवीकरण किया है आपने....
please apne blog settinf se virification ko remove kr dijiy,
बहुत सुन्दरअभिव्यक्ति...
आभार ,ब्लॉग पर उपस्थिति के लिये धन्यवाद कविता जी ।
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