इश्क में शिकवा शिकायतों के सिवा और भी कुछ है बताने के काबिल
हमने नहीं सुना न पढ़ा कभी मोहब्बत के गीत ख़ुशी में गाते हुए किसी को
जब भी देखा ,सुना ,पढ़ा दर्द और रुसवाइयों के गज़लें ही बज़्म में मिली
है क्या इस इश्क में आंसुओं और बेतहाशा दर्द में ख़ाक होने के सिवा ...
'आनंद'>
हमने नहीं सुना न पढ़ा कभी मोहब्बत के गीत ख़ुशी में गाते हुए किसी को
जब भी देखा ,सुना ,पढ़ा दर्द और रुसवाइयों के गज़लें ही बज़्म में मिली
है क्या इस इश्क में आंसुओं और बेतहाशा दर्द में ख़ाक होने के सिवा ...
'आनंद'>
4 comments:
आपकी रचनाएँ पढ़ी प्रेम का अहसास मन के भीतर समां सा गया है
सुंदर अनुभूति
आग्रह है मेरे ब्लॉग मैं भी समर्थक बने
मुझे खुशी होगी
kya baat hai.......!
Behtreen rchna.
उम्दा,बहुत प्रभावी प्रस्तुति !!!
recent post : भूल जाते है लोग,
ला-जवाब" जबर्दस्त!!
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