कभी बहुत प्यार आता है
क्यों आता है पता नहीं
कभी बहुत प्यारा लगता है
क्यों लगता है पता नहीं
कभी उस पर जान देने को करे जी
क्यों होता है पता नहीं
कभी देखकर उसे
जी भरकर रोने को जी करे
क्यों करे पता नहीं
कभी लगे वो यूं ही बैठा रहे
मैं देखा करूँ
क्यों होता है पता नहीं
............आनंद विक्रम
क्यों आता है पता नहीं
कभी बहुत प्यारा लगता है
क्यों लगता है पता नहीं
कभी उस पर जान देने को करे जी
क्यों होता है पता नहीं
कभी देखकर उसे
जी भरकर रोने को जी करे
क्यों करे पता नहीं
कभी लगे वो यूं ही बैठा रहे
मैं देखा करूँ
क्यों होता है पता नहीं
............आनंद विक्रम
1 comment:
सुन्दर भाव सम्प्रेषण बधाई :)
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