मेरी ,आपकी और हम सबकी बेचारी हिन्दी
आज हिंदी की दशा क्या है ? हम आप अच्छी तरह से जानतें है । इसके वास्तविक स्वरुप से हम आप भी जाने अनजाने खिलवाड़ कर लिया करते है । इस पर ज्यादा बात न करके आइये देखें कि कैसे खेलतें है अपनी हिन्दी से ।
सुबह से शाम तक सफ़र में हिंदी -------------
वेकप बेटा सुबह हो गई ,चलो ब्रश करो फ्रेश हो
व्हाट हपेन बेटा ?
टेबल पर दूध रखा है पी लेना
देखना जी किचेन में दूध रखा है गिरे न
टोइलेट जाना है बेटा मेरी स्लीपर किधर है
पूजा ऑफिस के लिए लेट हो रहा है जल्दी करो लंच लाओ
ये तो आम आदमी के जीवन से जुडी बातें हैं । आइये आगे बढतें है ---
अपने बॉलीवुड के हीरो और हिरोइन काम तो हिन्दी फिल्मों में करतें है लेकिन उनका खुद का कहना है कि वे हिन्दी फ़िल्में देखते नहीं हैं बस हिन्दी की खाते है गाते अंग्रेजी की है ।
सफ़ेद कुर्ते पैजामे वाले लोग ऊपर की सीट पाने के बाद अंग्रेजी पर मेहनत करते हैं ।
बस इतना ही ।------------
देखना जी किचेन में दूध रखा है गिरे न
टोइलेट जाना है बेटा मेरी स्लीपर किधर है
पूजा ऑफिस के लिए लेट हो रहा है जल्दी करो लंच लाओ
ये तो आम आदमी के जीवन से जुडी बातें हैं । आइये आगे बढतें है ---
अपने बॉलीवुड के हीरो और हिरोइन काम तो हिन्दी फिल्मों में करतें है लेकिन उनका खुद का कहना है कि वे हिन्दी फ़िल्में देखते नहीं हैं बस हिन्दी की खाते है गाते अंग्रेजी की है ।
सफ़ेद कुर्ते पैजामे वाले लोग ऊपर की सीट पाने के बाद अंग्रेजी पर मेहनत करते हैं ।
बस इतना ही ।------------
10 comments:
सार्थक और सामयिक पोस्ट, आभार .
कृपया मेरे ब्लॉग"meri kavitayen" की नवीनतम पोस्ट पर भी पधारें , आभारी होऊंगा.
उत्साहवर्धन टिप्पणी के लिए धन्यवाद सर । स्वागत है ।
hmmm satya vachan mitra!!
सचमुच ये हमारी हिंदी के लिए बहुत बड़ी " प्रॉब्लम " है :)
धन्यवाद मित्र । स्वागत है ।
:-) बढ़िया कटाक्ष....
मगर क्या करें...हम भी शायद इन्हीं में से ही एक हैं... :-(
सादर
अनु
बहुत बहुत धन्यवाद अनु जी । स्वागत है ।
आज अंग्रेजी के कुछ शब्द हमारी रोज मर्रा की भाषा में इस तरह घुल मिल गए है जिसे दूर करना मुश्किल
लगता है,,,,,
RECENT P0ST फिर मिलने का
ब्लॉग पर आगमन और समर्थन का आभार.
सार्थक पोस्ट |
सादर |
Post a Comment