Saturday 11 May 2013

              माँ

बचपन से लेकर बूढी होने तक
माँ तुम कितने फ़र्ज़ निभाती हो
बिटिया बनकर घर महकाती हो
घर का हर कोना चमकाती हो
बहना बन  प्यार  बरसाती हो
माँ का कामों में हाथ बटाती हो
भाई को तुम माँ सा दुलारती हो
छोटी हो तो भी प्यार दिखाती हो 
जब चाहे बहना बन जाती हो
जब चाहे बन जाती दीदी
कितने रूप तुम्हारे हैं माँ
हम गिनते ही रह जाते है
एक समय में रूप अनेकों
माँ तुम सबमे रम जाती हो
पत्नी ,माँ ,भाभी और बहना
माँ तुम कितने फ़र्ज़ निभाती हो
माँ तो माँ होती ही है
दीदी भी माँ जैसी ही है
मौसी तो माँ होती ही है
बुआ भी माँ जैसी ही है
चाची तो माँ होती ही है
हर ममता में माँ होती ही है
बचपन से लेकर बूढी होने तक
माँ तुम कितने रूप दिखाती हो
हर रूप रंग में माँ का रूप
भली भाँती दिखलाती हो
एक समय में रूप अनेकों
माँ तुम सबमे रम जाती हो
पत्नी ,माँ ,भाभी और बहना
माँ तुम कितने फ़र्ज़ निभाती हो
......................आनंद विक्रम ....

13 comments:

विभा रानी श्रीवास्तव said...

बेहतरीन प्रस्तुति
हार्दिक शुभकामनायें

विभा रानी श्रीवास्तव said...

बेहतरीन प्रस्तुति
हार्दिक शुभकामनायें

पुरुषोत्तम पाण्डेय said...

बहुत सुन्दर मनभावन रचना है. माँ को शब्दों में बयान करने का अनूठा प्रयास.

Tamasha-E-Zindagi said...
This comment has been removed by the author.
आनन्द विक्रम त्रिपाठी said...

सम्मानित करने के लिए बहुत बहुत आभार तुषार जी ।

कालीपद "प्रसाद" said...

माँ की भिन्न भिन्न ममतामयी रूपों का सुन्दर चित्रण
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
latest post: बादल तू जल्दी आना रे!
latest postअनुभूति : विविधा

Kavita Rawat said...

माँ जैसे प्यारी रचना

Satish Saxena said...

उनसे अच्छा कोई नहीं ...
मंगल कामनाएं !

ANULATA RAJ NAIR said...

बहुत सुन्दर...
माँ जैसा कोई और कहाँ...

अनु

Jyoti khare said...


मां पर लिखना सार्थक सृजन है
बहुत सुंदर रचना
बधाई

आग्रह हैं पढ़े
तपती गरमी जेठ मास में---
http://jyoti-khare.blogspot.i

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत उम्दा,लाजबाब प्रस्तुति,,बधाई

Recent post: ओ प्यारी लली,

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

वाह... उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...

संजय भास्‍कर said...

प्रशंसनीय रचना - बधाई
शब्दों की मुस्कुराहट पर ….माँ तुम्हारे लिए हर पंक्ति छोटी है

शब्दों की मुस्कुराहट पर …सुख दुःख इसी का नाम जिंदगी है :)