Monday 12 November 2012

गया दशहरा आयी दिवाली
दादी दादी पैसा दे दो जेब है खाली
                     इस पैसे से लेंगे पटाखा
                     करेंगे फिर धूम -धमाका
तुम घर के अन्दर ही रहना
कानों में रूई रखना
                      बच्चों ने जब पाया पैसा
                      गए बाजार  लिया पटाखा
आव न देखा ताव न देखा
कई रुपये का ला पटाखा
                       पटाखों में से निकाली चटाई
                       आग लगाई हुआ धमाका
दादी जी का चश्मा छूटा
फ्रेम बचा पर शीशा फूटा
                        दादी जी का माथा ठनका
                        छड़ी उठाई फर्श पर पटका
दादी जी चिल्लाती रह गयी
बच्चों ने फिर फोड़ा बम
                         इधर निकाली दियासलाई
                         उधर चटाई में आग लगाई
गया दशहरा आई दिवाली
आई दिवाली आई दिवाली  

   बचपन की मीठी यादों के साथ दिवाली की शुभकामना -----------------आनन्द विक्रम त्रिपाठी 

               

5 comments:

प्रेम सरोवर said...

दीपावली की अनंत शुभकामनाएँ!!
नया पोस्ट.. प्रेम सरोवर पर देखें।

आनन्द विक्रम त्रिपाठी said...

दीपावली के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामना । 'विक्रम ' ब्लॉग पर उपस्थिति और टिप्पणी के लिए आभार ।

Naveen Mani Tripathi said...

bahut sndar tripathi ji ....diwali pr hardik badhai

आनन्द विक्रम त्रिपाठी said...

ब्लॉग पर आने एवं टिप्पणी के लिए NAVEEN MANI TRIPATHI JI बहुत -बहुत आभार । दीपावली की आपको भी हार्दिक बधाई ।

संजय भास्‍कर said...

आपका ब्लॉग पसंद आया....इस उम्मीद में की आगे भी ऐसे ही रचनाये पड़ने को मिलेंगी......आपको फॉलो कर रहा हूँ |