भावनाओं को शब्दों में पिरोने की कोशिश किया करता हूँ ....... ''जो भी उठायी किताब गज़ल की हर पन्ने पर तुम्हारी याद उभरी'' ......@आनन्द .....
शाश्वत सच इसलिए बस हार्दिक शुभकामनायें
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शाश्वत सच
इसलिए बस
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