Wednesday 13 April 2016

फलाने की बिटिया
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भली है बेचारी
मेहनती है दुल्हनियॉ
भाग्यशाली है हम
कामकाजी पढी लिखी पाये
फलाने की बिटिया
पुण्य थे किसी जनम के मेरे
जो ब्याह लाये बऊआ संग
फलाने की बिटिया
जमती है अपने
बऊआ संग इसकी जोड़ी
क्यों ,सुन रही हो न
बऊआ की मैय्या
दिन भर रटते हो
फलाने की बिटिया
देखो बगल में फलाने की बहुरिया
एक चार चक्का, ए सी ,फ्रिज
घर गृहस्थी का सामान सारा
दस थान की करधन
पॉच की नथुनियॉ
ले आयी फलाने की बहुरिया
और तुम हो कि रटते
फलाने की बिटिया
सोचे थे बऊआ
पाया है नौकरी
मिलेगा दान दक्षिणा और बहुरिया
लायी है केवल पढाई और लिखाई
अरे सुनते भी हाे बऊआ के बाबू
तुम न सुधरोगी
बऊआ की मैय्या
ननदियॉ तुम्‍हारी और बऊआ की दादी
ऐसे ही रटती थी
फलाने की बहुरिया
दुख: है कि तुम भी वही कर रही
ज्ञान गुण को छोड़ धन पर मर रही
अरे भाग्‍यवान है हम
जो पाये हम गुणी बहुरिया
फलाने की बिटिया
........@आनन्‍द विक्रम .........

4 comments:

Gunjan Garg Agarwal said...

बहुत खूब सुन्दर सन्देश देती रचना (y)

आनन्द विक्रम त्रिपाठी said...

ब्‍लाग पर आकर टिप्‍पणी करने हेतु आभार

Unknown said...

अगर यहीं बात हम समझ ले तो रोना किस बात का हैं। क्यों जलें किसी बैटी दहेज के लिए।
http://savanxxx.blogspot.in

आनन्द विक्रम त्रिपाठी said...

जी कहा आपने